निर्वाचन आयोग ने मतदाता सत्यापन अभियान की अवधि का विस्तार किया है। साथ ही यह सुविधा दी गई है कि अब एक परिवार के सभी सदस्यों के सत्यापन के लिए अलग-अलग पहचान से जुड़े दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी। बल्कि परिवार के ‘मुखिया’ के प्रमाण पत्र के आधार पर भी पूरे परिवार के मतदाताओं का सत्यापन किया जा सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी पत्र का हवाला देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने जिले को पत्र भेज आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
उप निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार मिश्र ने बताया कि अब मतदाता सत्यापन का कार्य 15 नवंबर तक किया जा सकेगा। 25 नवंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद दावा-आपत्ति 25 नवंबर से लेकर 24 दिसंबर तक ली जाएगी। आपत्तियों का निराकरण 10 जनवरी 2020 तक किया जाएगा। सूची का अंतिम प्रकाशन 20 जनवरी 2020 तक कर लिया जाएगा।
बताया कि परिवार के मुखिया के दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सत्यापन के दौरान यह संभव है कि पहले परिवार के मुखिया का फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र मिले। शेष लोगों का तत्काल नहीं प्राप्त हो। ऐसे में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन का इंतजार करना होगा। इसके बाद उन्हें भी पहचान पत्र प्राप्त हो जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के सत्यापन कार्य की गति को धीमी बताया है। कहा है कि गति को ध्यान में रखते हुए नई तिथि तय की गई है। साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों द्वारा दिए गए सुझाव के आलोक में सत्यापन कार्य के नियमों में सुधार किए गए हैं। साथ ही सभी बीएलओ को बीएलओ एप पर काम करने को कहा गया है। बताया गया है कि सभी निर्वाचन पदाधिकारी बीएलओ को निर्देशित करें कि वे बीएलओ एप के साथ काम करें। घर-घर जाकर काम करें और सत्यापन कार्य जरूरी प्रपत्रों में कागज पर भी तैयार करें।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए वोटर हेल्पलाइन एप का नया वर्जन आ गया है। इस स्थिति में जो लोग इसका उपयोग कर रहे थे, उन्हें इसका नया वर्जन आयोग की साइट से अपलोड करना होगा। पुराना एप अब काम नहीं करेगा। इस बारे में मुजफ्फरपुर के उप निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार मिश्र ने कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से नए निर्देश जारी किए गए हैं। नए निर्देशों के आधार पर काम शुरू किया गया है। सभी संबंधित पदाधिकारियों को आयोग का पत्र भेजा गया है। ताकि नए निर्देशों के आलोक में काम किया जा सके।