BIG NEWS: बिहार सरकार अब खुद चलाएगी शेल्टर होम्स, भारी संख्या होगी बहाली
राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के बाद शेल्टर होम्स में सुधार लाने की कवायद शुरू कर दिया है। प्रदेश में विभिन्न शेल्टर होम के संचालन के लिए नवचयनित 50 एनजीओ का चयन सोमवार को रद कर दिया गया। भविष्य में शेल्टर होम का संचालन अब किसी एनजीओ को नहीं देने का निर्णय लिया गया है।
राज सरकार को सभी शेल्टर होम में आधारभूत संरचना में मुकम्मल सुधार लाने और कर्मियों की नई नियुक्तियों पर कुल 52.35 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आएगा। इसके लिए विभाग द्वारा तैयार मसौदे को शीघ्र ही कैबिनेट भेजा जाएगा। मसौदे के मुताबिक सभी जिलों में शेल्टर होम के लिए किराये पर नये मकान लिए जाएंगे। अभी तक शेल्टर होम के संचालन पर 47.85 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। पूर्व से शेल्टर होम में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या और उनके वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव भी है।
विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद के मुताबिक हमारी प्राथमिकता सबसे पहले शेल्टर होम में कर्मियों की कमी दूर करना है और पूरी पारदर्शिता के साथ शेल्टर होम का संचालन एवं नियंत्रण सुनिश्चित करना है। अगले तीन माह में सभी शेल्टर होम को नियंत्रण में ले लिया जाएगा। टेकओवर होने तक शेल्टर होम का संचालन पुराने एनजीओ के माध्यम से पूर्ववत जारी रहेगा। अभी करीब 100 एनजीओ विभिन्न शेल्टर होम का संचालन कर रहे हैं।
समाज कल्याण विभाग ने शेल्टर होम के लिए 300 से ज्यादा नए पद सृजित किए हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए ‘रिक्रूटमेंट एजेंसी बहाल करने का फैसला लिया है। विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव ने मंजूरी दे दी है। इस एजेंसी के माध्यम से शेल्टर होम के लिए सृजित विभिन्न पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस सप्ताह एजेंसी चयन करने के लिए विभाग द्वारा विज्ञापन निकाला जाएगा। इसके दो माह के अंदर सभी कर्मचारियों का पैनल बना लिया जाएगा।