Darbhanga Samachar :-
जन अधिकार पार्टी (JAP) प्रमुख पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कहा कि बिहार में कुर्सी पर बैठे लोग सत्ता में रहने लायक नहीं हैं. पप्पू यादव ने बताया कि बिहार सरकार के पास धन नहीं है, मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.
पटना. कोरोना वायरस (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के बच्चों को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. इस कड़ी में पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने वहां से बच्चों को निकालने के लिए 30 बसें भेजी हैं. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मेरी कोटा के कलेक्टर और राजस्थान के मुख्यमंत्री के सचिव से बात हुई है, लेकिन उनका कहना है कि कम से कम 250 बसें भेजें तब जाकर हम बिहार के बच्चों को भेजेंगे.
पप्पू यादव के मुताबिक, उन्होंने कोटा के प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि पहले बच्चियों को कोटा से बाहर निकालें और उनके घरों तक भेजें. लेकिन उनका कहना है कि कम से कम 100 बसें भेजने पर ही हम बच्चियों को यहां से भेज सकेंगे.
पप्पू यादव ने ट्वीट में लिखा है कि बिहार सरकार के पास धन नहीं है, मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार लाने को प्रतिबद्ध हूं। कोटा से छात्रों को लाने हेतु वहां 30 बस लगवा दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी से आग्रह है कि वह बस सेनेटाइज करवा कर, छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं।
पप्पू यादव के मुताबिक, बिहार सरकार से पप्पू ने कहा कि बिहार सरकार अपनी सभी 600 बसों को कोटा भेजे ताकि वहां फंसे बच्चों को वापस लाया जा सके. इस दौरान पप्पू ने यह भी कहा कि बिहार में कुर्सी पर बैठे लोग सत्ता में रहने लायक नहीं हैं. पप्पू यादव ने बताया कि बिहार सरकार के पास धन नहीं है, मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार लाने को प्रतिबद्ध हूं.
राशन कार्ड पॉलिटिक्स पर पप्पू ने कहा कि बिहार में पीडीएस यानी जन वितरण प्रणाली का बंदरबांट हो रहा है, यही कारण है कि अब तक यहां के लोगों को दाल उपलब्ध नहीं कराया गया है. पप्पू यादव ने यह भी पूछा कि 25 लाख मजदूर अगर बिहार में आएंगे तो उनके लिए खाने की व्यवस्था कैसे की जाएगी, इसको लेकर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को उपाय करने की जरूरत है.