
08 दिसंबर 2020 किसानों के भारत बंद की सहयोग में एस.डी.पी.आई ने भरवारा में किया चक्का जाम । मौजूदा सरकार की तरफ से लिया गया किसान क़ानून पूरी तौर पर किसान विरोधी और कृषि के निजीकरण की कोशिश है जिसके तहत सरकार देश के सारे अर्थशास्त्र पर निश्चित रूप से कॉर्पोरेट का कब्ज़ा बना देना

चाहती है । इन क़ानून को पूरी तौर पर वापस कराना देश की सुरक्षा और अस्तित्व के लिए आवश्यक है । ये शब्द एस.डी.पी.आई से जाले के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मेहबूब आलम रहमानी ने भरवड़ा में एस.डी.पी.आई के तरफ से किसान आंदोलन और उनकी मांगों की सहयोग में चक्का जाम में संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा के अगर किसानों ने आवाज़ दिया तो देश की सेक्युलर जनता उनकी सहयोग में आंदोलन को और मज़बूत करेगी । मौके पर एस.डी.पी.आई जिला कमिटी सदस्य मोखतार ने संबोधित करते हुए कहा के ये बिल ना सिर्फ किसान विरोधी बिल है बल्कि ये बिल भारत विरोधी भी है और इस के लागू होने का सीधा परिणाम ये होगा के ये देश कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अंबानी और अडानी की जागीर बन जाएगी इस लिए देश के हर नागरिक का कर्तव्य है के बाहर निकल कर वर्तमान की अत्याचारी सरकार को बता दें हम किसी हाल में भी इस देश को कॉर्पोरेट की जागीर नहीं बनने देंगे । प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राज्य के महासचिव मोहम्मद सनाउल्लाह ने भी रैली को संबोधित किया और कहा के वर्तमान सरकार एम.अस.पी ख़तम करके अनाज के बिक्री को और अधिक कठिन बनाना चाहती है कॉर्पोरेट किसानों का शोषण कर मार्केट पर पूरा क़ब्जा कर लेने में कामयाब हो जाएगा जिसका खामियाजा पूरे देश को भुखमरी की सूरत में भुगतना होगा उन्होंने कहा के किसान क़ानून , नागरिकता क़ानून , शिक्षा नीति इन सारे का उद्देश्य देश को पूरी तरह से भगवा रंग में रंग देना है । इसलिये हम सारे की ज़िम्मेदारी है के देश और देश के डेमोक्रेटिक मूल्यों के लिए खड़े हो जाएं सभी प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तीनों बिलों को जल्द वापस लेने की मांग की । मौके पर पॉपुलर फ्रंट के भरवारा छेत्र अध्यक्ष मोहम्मद मेहताब आलम , एस.डी.पी.आई के मोहम्मद शहनवाज, -मो०प्रवेज खान (जमा) हाफिज गुलाब,अहमद अली तमन्ने,और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे
