पप्पू यादव 2014 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़े थे। हालांकि अगले ही साल 2015 में पार्टी नेतृत्व से किसी बात को लेकर अनबन गई, जिसकी बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद सूबे में नई संभावनाओं को तलाशने में लगी है, बिहार में नये राजनीतिक समीकरण बिठाने की कोशिश की जा रही है। लालू प्रसाद यादव के फिर से जेल जाने के बाद बीजेपी और नीतीश कुमार से टक्कर लेने के लिये राजद अपने पुराने साथियों को फिर से जोड़ने में लग गई है। कुछ महीने पहले राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सहरसा जेल में बंद आनंद मोहन से मुलाकात की थी, तो अब राजद का मन अपने पुराने साथी जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव को लेकर भी डोल रहा है। कुछ महीने पहले राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पप्पू यादव को ‘अपना’ कहा था
बीजेपी-नीतीश से लड़ने के लिये सबको साथ आना होगा
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह अकसर अपने बेबाक बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं, कुछ महीने पहले पप्पू यादव को लेकर उन्होने ऐसा बयान दिया था, कि बिहार के सियासी एक्सपर्ट्स को चर्चा की नई खुराक मिल गई थी।रघुवंश प्रसाद सिंह ने मधेपुरा सांसद को लेकर कहा था कि वे भी हमारे अपने ही हैं, हमारी पार्टी के ही हैं, हमसे अलग नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा था कि बीजेपी और नीतीश कुमार को हराने के लिये सबको सबकुछ भूलकर साथ आना होगा।
सवर्णों को साधने की कोशिश
इसी साल फरवरी में राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन से मुलाकात की थी, इस मुलाकात के भी राजनीतिक मायने निकाले गये थे। कहा गया था कि राजद इसी बहाने सवर्णों को साधने में लगी है,इसी वजह से शिवानंद तिवारी लालू का दूत बनकर उनसे मुलाकात करने गये थे। शिवानंद तिवारी ने मुलाकात के बाद आनंद मोहन को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्हें फंसाया गया है।
2014 में राजद से सांसद बने थे पप्पू यादव
आपको बता दें कि पप्पू यादव 2014 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़े थे। हालांकि अगले ही साल 2015 में पार्टी नेतृत्व से किसी बात को लेकर अनबन गई, जिसकी बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया।पार्टी से निलंबित होने के बाद पप्पू यादव ने अलग राजनीतिक दल जन अधिकार पार्टी (लो.) का गठन कर लिया। तकनीकी तौर पर पप्पू यादव अभी भी संसद में राजद के ही असम्बद्ध सदस्य के तौर पर गिने जाते हैं।
2019 को लेकर नये समीकरण बनाने की कोशिश
राजद सूत्रों का दावा है कि पार्टी लालू प्रसाद यादव के फिर से जेल जाने के बाद 2019 में नये समीकरण पेश करने की कोशिश में हैं, इसी वजह से कुशवाहा से लेकर दूसरे नेताओं को भी महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया जा रहा है,ताकि बिहार की 40 सीटों पर मोदी के खिलाफ महागठबंधन चुनौती पेश कर सके। इसी कड़ी में पप्पू यादव से लेकर आनंद मोहन तक से समर्थन मांगा जा रहा है, क्योंकि अगर पप्पू यादव की पार्टी चुनाव लड़ी, तो ज्यादा नहीं लेकिन कुछ सीटों पर महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है, इसी वजह से राजद कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है, रघुवंश प्रसाद सिंह को आगे कर तेजस्वी ने पासा फेंका है। हालांकि पप्पू यादव के तेवर देख लगते नहीं है, कि वो महागठबंधन में जाएंगे, वैसे राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।