बीते दिनों ही सहरसा से चलने वाली सभी एक्सप्रेसों को एलएचबी कर दिया गया है। वहीं अब जयनगर एवं दरभंगा से खुलने वाली सभी एक्सप्रेस गाड़ियों के कोच को एलएचबी से लैस किया जाएगा। हाल के कुछ सालों में लगातार हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान चली गई है।
बताते चलें कि ज्यादातर रेल हादसों में पुरानी तकनीक से बने आईसीएफ कोच होते है। जिस कारण डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाते है और दुर्घटना घट जाती है। इसी को लेकर एलएचबी कोच का प्रयोग तेज गति वाले ट्रेनों में किया जा रहा है। इस कोच में यात्रियों का सफर काफी सुरक्षित होती है। और हादसे की आशंका कम हो जाती है।
एलएचबी कोच की खासियत
मालूम हो कि एलएचबी जर्मन तकनीक से तैयार किया गया कोच है। सीबीसी कपलिंग होने के कारण यह अलग है, जो सामान्य कोच के मुकाबले काफी सुरक्षित है। जहां स्नैक्स टेबल के होने से, अगर ट्रेन रफ्तार में भी हो और कोच के अन्दर कोई गिर जायें तो चोटें कम आएगी। वहीं गिरने की क्षमता भी घट जाती है। हादसे के समय कोच पटरी से उतर भी जाये तो ये नहीं पलटेगी