ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में बाबू वीर कुॅंवर सिंह चेयर की स्थापना होगी -कुलपति प्रो राजेश सिंह।
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प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 के क्रांति के 163 वर्ष पूरे होने पर ‘बाबू कुँवर सिंह विजयोत्सव’ 23 अप्रैल 2020 को कुँवर सिंह महाविद्यालय परिसर में प्रधानाचार्य डा रहमतुल्लाह की अध्यक्षता में मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि ल0 ना0 मिथिला विशवविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो0 राजेश सिंह ने महाविद्यालय परिसर स्थित बाबू कुँवर सिंह की विशाल प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए तीन घोषणाएं की। उन्होंने विश्वविद्यालय में “बाबू कुंवर सिंह चेयर “की स्थापना ,स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर “कुंवर सिंह फेलोशिप “तथा महाविद्यालय परिसर में “बाबू कुंवर सिंह संग्रहालय” की स्थापना किये जाने की घोषणा की । उन्होंने महाविद्यालय के संस्थापक डॉ0 ब्रहमानन्द सिंह के पुण्य तिथि पर उनके प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित किया।
वैष्विक कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर समाजिक दूरी का पालन करते हुए कुँवर सिंह बहुद्देश्यीय भवन में उदगार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अमर सेनानी बाबू वीर कुँवर सिंह 1857 के स्वंत्रता संग्राम के महान योद्धा थे। इनके कुशल नेतृत्व में जो स्वंतंत्रा संग्राम की अगुआई हुई उसी के फलस्वरूप देश को आजादी मिली।
आज बाबू कुँवर सिंह को स्मरण करते हुए माननीय कुलपति ने कहा कि बाबू कुँवर सिंह को महज उनके इतिहास व्याख्यान तक ही सीमित न रखा जाय अपितु उनके द्वारा दिये गये मार्ग निर्देशन पर भी चलने की आवश्यकता है।
उन्होंने संग्रहालय की स्थापना के क्रम में कहा कि उसमें बाबू कुँवर सिंह से जूड़ी दुलर्भ उपलब्धियाँ, लेख, विचार, वस्तुएँ उपलब्ध होगी साथ ही इसके लिए एक आधुनिक वेबसाइट बनाया जायेगा।
माननीय कुलपति ने आश्वस्त किया कि निकट भविष्य में होने वाली विद्वत परिषद एवं अभिषद् की बैठक में इसे पारित कराकर अग्रत्तर कारवाई हेतु यू जी सी को प्रेषित की जायेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ0 मो0 रहमतुल्लह ने कहा कि कुँवर सिंह जयंती के अवसर पर प्रथम स्वंत्रता संग्राम के अमर सेनानी को याद करते हुए हर्ष हो रहा है। इस अवसर पर इस महाविद्यालय के संस्थापक स्व ब्रह्मानन्द सिंह को भी श्रद्धांजली अर्पित किया गया। उन्होने कुलपति द्वारा किये गये धोषणाओं के लिए कृतज्ञता जाहिर किया। उन्होने कहा इससे आने वाले पीढी के लिए शिक्षा एवं शैक्षणिक जगत को काफी उपलब्धि हासिल होगी। संग्रहालय एवं शोध पीठ के माध्यम से राष्ट्रीय एकता, अखण्डता राष्ट्रभक्ति का विकास होगा।
पूरे कार्यक्रम के दौरान भौतिक एवं समाजिक दूरी का पूरा खयाल रखा गया। मंच संचालन करते हुए एन0 एस0 एस0 कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ0 अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मिथिला और शाहाबाद जिला में गुरू- शिष्य का संबंध है। महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुँवर सिंह के गुरू ,पंडित भिखियादत झा ,वर्तमान मधुबनी जिला के राॅंटी गाँव के थे। बिहार सरकार द्वारा कुँवर सिंह सर्किट में कुँवर सिंह महाविद्यालय लहेरियासराय, दरभंगा और बाबू कुँवर सिंह के गुरू पंडित भिखियादत झा के गाँव को जोड़ने की मांग उन्होंने बिहार सरकार से की । इस कार्यक्रम में डॉ0 पी0 सी0 साह, डॉ0 अभिन्न श्रीवास्तव, डॉ0 बिन्दु चौहान , डॉ विजय कुमार, डॉ राजेश कुमार चौधरी , संध के नेता हर्शवर्द्धन सिंह, विभाकरण सिंह, चन्द्रशेखर सिंह उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 बिन्दु चौहान ने किया। राष्ट्रीय गीत के साथ समारोह का समापन किया गया।