दरभंगा से बीजेपी निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने सरकारी अधिकारी से गाली गलौज के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. दरभंगा पहुंचे कीर्ति आजाद ने अपने ऊपर सरकारी अधिकारी को गाली देने और धमकी देने के आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा ये आरोप बेबुनियाद, झूठे और गलत हैं. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि फोन आने पर उन्होंने अधिकारी से सिर्फ यही कहा था कि मेरे पीए से बात कर लें.
कीर्ति आजाद ने सरकारी अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिआरी कोई काम नहीं कर रहे. काम की जगह वो पॉलिटिक्स करने लगे हैं. जनता का कोई काम नहीं हो रहा है. सबसे ऊंची संस्था है संसद और वहां के एक सांसद के प्रति प्रशासन इतना उदासीन है तो जनता का काम कैसे होता होगा? कीर्ति आजाद ने कहा कि आरोप लगाने वाले अधिकारी के खिलाफ वह कानूनी नोटिस भी भेजने की तैयारी में हैं.
आजाद ने कहा कि वे अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजेंगे. इसके साथ ही अधिकारी के ऊपर पांच करोड़ का मानहानि का दवा भी करेंगे. गौरतलब है कि दरभंगा डीसीएलआर ने आरोप लगाया है कि कीर्ति आजाद ने उन्हें फोन पर गाली दी. गाली-गलौज करते हुए औकात में रहने की धमकी दी. अधिकारी पर आजाद का गुस्सा इस कदर बढ़ा कि वो अपनी मर्यादा तक भूल गए. अधिकारी ने इस मामले की लिखित शिकायत मुख्यमंत्री से की है.
दरभंगा में भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीएलआर) पुष्पेश कुमार का कहना है कि उन्होंने जिले में होने वाले एक कार्यक्रम में आने के लिए कीर्ति आजाद को फोन किया था. लेकिन वो फोन पर भड़क गए और गाली-गलौज करने लगे. अधिकारी ने शिकायत में बताया कि सांसद ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि तुम्हारी औकात कैसे हुई मुझे फोन करने की. मैं 20 साल से एमपी हूं. जाओ मेरे पीए से बात करो.